घना जंगल, घने बादल,
घनेरी घनेरी शाम!
बैठ फकीरा सोंचूं मैं – कैसा जीवन राम? कैसा जीवन राम?
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!
अब बैठूं, रोऊँ मैं – जाओं कहाँ किस गाम?
घना जंगल, घने बादल, घनेरी घनेरी शाम!
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!
जड़ से ही जब काट दिया, ढूँढूं कहाँ पहचान?
घना जंगल, घने बादल, घनेरी घनेरी शाम!
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!
उठना है, लड़ना है – चाहे जितनी बची है जान!
घना जंगल, घने बादल, घनेरी घनेरी शाम!
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!
बैठ फकीरा सोंचूं मैं – कैसा जीवन राम? कैसा जीवन राम?
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!
हम जहाँ जन्मे थे
कभी, वहीँ से हैं अनजान!
बीता था बचपन जहाँ,
छूट गया वह धाम!अब बैठूं, रोऊँ मैं – जाओं कहाँ किस गाम?
घना जंगल, घने बादल, घनेरी घनेरी शाम!
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!
अपने ही अस्तित्व को
ढूँढूं सुबहो शाम!
राह राह भटका फिरूं –
पुकारूं कौन सो नाम?जड़ से ही जब काट दिया, ढूँढूं कहाँ पहचान?
घना जंगल, घने बादल, घनेरी घनेरी शाम!
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!
अंग अंग मेरा टूट
गया, बिखर गए मेरे प्राण!
टुकड़े से टुकड़ा न
जुड़े, ऐसा टूट गया इंसान!उठना है, लड़ना है – चाहे जितनी बची है जान!
घना जंगल, घने बादल, घनेरी घनेरी शाम!
घना जंगल, घने बादल!
घना जंगल, घने बादल!